وہ اکثر مجھ سے کہتی تھی
وہ اکثر مجھ سے کہتی تھی نہ تنہا چھوڑ کر جانا
وفا ہے ذات عورت کی نہ یہ دل توڑ کر جانا
مگر جو مرد ہوتے ہیں مگر پھر یو ہوا زید
بہت بے درد ہوتے ہیں مجھے انجان رستے پر
کسی بھنورے کی صورت اکیلا چھوڑ کر اس نے
گل کی خوشبو لوٹ جاتی ہیں میر دل توڑ کر اس نے
سنو ! تم کو قسم ہے میری محبت چھوڑ دی اُس نے
روائیت توڑ دینا تم وفا ہے ذات عورت کی
روائیت توڑ دی اس نے
वह अक्सर मुझसे कहती थी
वह मुझसे अक्सर कहती थी कि अकेले मत निकलो
वफ़ादारी औरत का स्वभाव है, दिल तोड़ना नहीं
लेकिन वो जो मर्द हैं, लेकिन फिर यू हुआ ज़ैद
वे मेरे लिए अज्ञात सड़क पर बहुत दर्दनाक हैं
उसने बवंडर का रूप अकेला छोड़ दिया
मीर का दिल तोड़ कर फूल की खुशबू लौट आती है
सुनना! कसम से उसने मेरा प्यार छोड़ दिया
परंपरा को तोड़ना ही नारी की वफ़ादारी है
उन्होंने परंपरा तोड़ी
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